रजिस्ट्री और पट्टे में क्या अंतर है यहाँ देखें

रजिस्ट्री और पट्टे में क्या अंतर है registry aur patte me antar : जब किसी भी जमीन को हम खरीदते है तो उस जमीन का वास्तविक मूल्य चुकाकर उसकी रजिस्ट्री करवाते है। जबकि पट्टे में हम निर्धारित न्यूनतम मूल्य चुकाकर तय समय अवधि के लिए उसका उपयोग करते है। लेकिन अधिकांश लोगों को रजिस्ट्री और पट्टे के बीच मुख्य क्या अंतर है इसके बारे में नहीं मालूम।

सरकार की नई – नई योजनाओं के अनुसार पट्टा प्रदान किया जाता है। जिससे भूमिहीन परिवारों को थोड़ी मदद किया जा सकें। पट्टा अलग – अलग प्रकार के होते है, जिसकी अवधि निर्धारित नियमों के अनुसार होती है। किसी जमीन की रजिस्ट्री करवाने और किसी जमीन का पट्टा लेने में क्या अंतर है, इसकी जानकारी नीचे टेबल में बताया गया है। आप इसे ध्यान से पढ़िए।

registry-aur-patte-me-antar

रजिस्ट्री और पट्टे में क्या अंतर है ?

क्रमांकरजिस्ट्रीपट्टा
01.रजिस्ट्री यानि क्रय शब्द का अर्थ किसी जमीन के लिए मूल्य का भुगतान करके परिसंपत्ति खरीदना। पट्टा या लीजिंग एक ऐसी व्यवस्था है, जिसमें परिसंपत्ति को निर्धारित शुल्क के साथ तय समय के लिए उपयोग करने की अनुमति प्रदान करता है।
02.रजिस्ट्री में विक्रेता और खरीददार शामिल होते है। इसके साथ ही गवाह भी होते है। इसमें लेसर और पट्टा लेने वाला व्यक्ति शामिल होता है।
03.इसके लिए किसी जमीन का मालिक होने की लागत देनी होती है। इसमें किसी परिसंपत्ति को उपयोग करने की लागत चुकानी होती है।
04.रजिस्ट्री होने के बाद क्रेता को संपत्ति को हस्तांतरित करने या बेचने का अधिकार होता है।इसमें पट्टेदार को संपत्ति को किसी अन्य व्यक्ति को स्थानांतरित करने या बेचने का कोई अधिकार नहीं है।
05.इसमें मरम्मत और रखरखाव खरीदार की जिम्मेदारी होती है। इसमें पट्टे के प्रकार पर निर्भर करता है।
06.रजिस्ट्री में खरीदार को परिसंपत्ति के अवशिष्ट मूल्य का आनंद देता है।पट्टा में पट्टेदार संपत्ति के अवशिष्ट मूल्य से वंचित रहता है।
07.इसमें संपत्ति का सभी बकाया राशि चुका देने के बाद संपत्ति केवल खरीदार की होती है।इसमें तय समय सीमा के बाद फिर से उसे निर्धारित प्रक्रिया के साथ पट्टा लेना या उसे नवीनीकरण करवाना होता है।
08.रजिस्ट्री सम्बंधित रजिस्ट्रार कार्यालय में किया जाता है। पट्टा सरकार द्वारा तय मापदंडो एवं शर्तों के अनुसार स्थानीय निकाय द्वारा जारी किया जाता है।
09. रजिस्ट्री होने के उपरान्त क्रेता हमेशा के लिए उस जमीन का मालिक हो जाता है। पट्टा के अलग – अलग प्रकार एवं सरकार द्वारा तय नियमों पर निर्भर करता है।
10रजिस्ट्री हेतु सरकार द्वारा निर्धारित उस जमीन की सरकारी रेट पर शुल्क चुकानी होती है। सरकार द्वारा या स्थानीय निकाय द्वारा निर्धारित शुल्क एवं निर्धारित मापदंड को पूरा करना होता है।

ऊपर हमने रजिस्ट्री और पट्टे में क्या अंतर है, इसको तुलना चार्ट के माध्यम से बताया है। उससे स्पष्ट है कि रजिस्ट्री होने के बाद किसी परिसंपत्ति का मालिक हो जाना है। जबकि पट्टा निर्धारित मूल्य चुकाने के बाद किसी परिसंपत्ति का उपयोग करने का बस अधिकार देता है।

इसे पढ़ें – आबादी जमीन का पट्टा कैसे बनाएं ऑनलाइन

रजिस्ट्री और पट्टे में क्या अंतर है, इसकी पूरी जानकारी स्टेप by स्टेप बहुत आसान तरीके से यहाँ बताया गया है। अब कोई भी व्यक्ति आसानी से समझ पायेगा कि रजिस्ट्री और पट्टे में मुख्य अंतर क्या है। अगर इसके सम्बन्ध में आपके कोई अन्य सवाल हो या भू अभिलेख से सम्बंधित अन्य जानकारी चाहते हो तो नीचे कमेंट बॉक्स में पूछ सकते हो। हम बहुत जल्दी आपको रिप्लाई करेंगे।

रजिस्ट्री और पट्टे में अंतर क्या है, इसकी जानकारी सभी लोगों के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। इसलिए इस जानकारी को उन्हें व्हाट्सएप्प ग्रुप एवं फेसबुक में शेयर जरूर करें। इस वेबसाइट पर हम भू अभिलेख, नक्शा से सम्बंधित सम्पूर्ण जानकारी प्रदान करते है। अगर आप नई – नई जानकारी सबसे पहले पाना चाहते हो तो गूगल सर्च बॉक्स में सर्च कीजिये – bhulekhbhunaksha.in धन्यवाद !

Bhulekh BhuNaksha

हेलो दोस्तों, इस वेबसाइट पर आपको ऑनलाइन भूअभिलेख भू नक्शा खसरा खतौनी जमाबंदी नकल शजरा रिपोर्ट निकालने की जानकारी मिलेगा। आप घर बैठे अपने मोबाइल से जमीन से सम्बंधित रिकॉर्ड चेक और डाउनलोड कर सकेंगे।

अपनी समस्या या सुझाव यहाँ लिखें