पिता की जमीन को अपने नाम कैसे करें pita ki jameen ko apne naam kaise kare : आज के समय में लगभग लोगों का सवाल रहता है कि पिता की जमीन को अपने नाम कैसे करें ? क्योंकि ऐसा बहुत बार देखने को मिलता है, कि कई घरों में आपसी झगड़े के कारण पिता की जमीन को अपने नाम करना पड़ता है या फिर कई केसों में ऐसा भी देखने को मिलता है कि पिता की मृत्यु के बाद बच्चे को जमीन को अपने नाम करना पड़ता है।
अगर इन दोनों स्थिति में से आपके साथ भी कोई एक स्थिति बन गई है और किसी कारणवश आपको भी अपने पिता की जमीन को अपने नाम करना है तो यह आर्टिकल आपके लिए काफी फायदेमंद होने वाला है। क्योंकि इस आर्टिकल के जरिए हम आपको बताएंगे कि पिता की जमीन को अपने नाम कैसे करें?
इस टॉपिक के बारे में हम आपको बिल्कुल डिटेल से इस आर्टिकल के अंदर समझाएंगे ताकि हर एक व्यक्ति को समझ आ जाए कि किस प्रकार से पिता की जमीन को अपने नाम किया जा सकता है। हम आपको हर एक जानकारी स्टेप by स्टेप देने की कोशिश करेंगे। तो इसलिए आर्टिकल में अंत तक बने रहे।
अगर आप अपने पिता की जमीन को अपने नाम करना चाहते हैं, तो आपके लिए यह पॉइंट बेहद महत्वपूर्ण साबित हो सकता है। क्योंकि अगर आपके पिता ने उस जमीन की कोई वसीयत कर रखी है, तो आपके लिए यह काफी आसान हो जाएगा कि वह जमीन आपके नाम हो जाए क्योंकि वसीयत के अंदर साफ-साफ लिखा होता है कि जमीन किसके नाम होनी चाहिए।
लेकिन जो वसीयत लिखी जाती है, वह वसीयत पिता की मृत्यु के बाद लागू होती हैं। यानी कि वसीयत लागू होने में काफी समय लगता है, और वसीयत से आपको अपने पिता की जमीन हासिल करने में काफी टाइम लगेगा। अगर आपके पिताजी ने किसी भी प्रकार की वसीयत नहीं लिखी है, तब आप किस प्रकार से जमीन को अपने नाम कर सकते हैं चलिए देखते हैं।
पिता की जमीन को अपने नाम कैसे करें ?
- पिता की जमीन अपने नाम करानी है, तो इसके लिए आपको सबसे मुख्य और महत्वपूर्ण चीज करनी होगी कि आपको उस जमीन पर अपना अधिकार दिखाने के लिए कोई एक सबूत देना पड़ेगा कि आज यह जमीन आपकी है।
- जब आपके पास यह प्रूफ हो जाए कि वह जमीन आपके पिताजी की है, तो उसके बाद आपको एक वंशावली बनवानी होगी। अगर आप दो भाई हैं या दो से अधिक हैं या फिर अकेले हैं तो भी आपको वंशावली की जरूरत जरुर पड़ेगी।
- जब आप वंशावली बनवा लेंगे तो वंशावली बनवाने के बाद आपको अपनी जमीन का बंटवारा करना पड़ेगा। बंटवारे के बाद कागज पर लिखकर भी आप दे सकते हैं और उस पर दोनों भाइयों की सहमति के लिए साइन भी कर सकते हैं।
- बटवारा होने के बाद आपको ऑनलाइन एक दाखिल खारिज प्रक्रिया करनी होगी। जिसके बाद आपको एक निश्चित समय पर वेरीफिकेशन के लिए बुलाया जाएगा। जब आप को वेरीफाई के लिए बुलाया जाए तब आप दोनों भाइयों को वेरीफाई होने के लिए जाना आवश्यक है। जब आप वेरीफिकेशन के लिए जाते हैं तो आप की पूरी जानकारी चेक कर के सीआई द्वारा इस पूरी प्रक्रिया को वेरीफाई कर दिया जाता है।
- तो इस पूरी प्रक्रिया के द्वारा आप अपने पिता की जमीन को अपने नाम कर सकते हैं, और इस प्रक्रिया को अपनाने के बाद रसीद भी आपके नाम पर कटने लगेगी।
ध्यान दें – अगर आप अपने पिता के इकलौते बेटे हैं, तो आपको ज्यादा कुछ करने की जरूरत नहीं है और आपको ज्यादा चिंता करने की भी जरूरत नहीं है। क्योंकि जब कोई अपने पिता के इकलौता बेटा होता है, तो वह जमीन ऑटोमेटिक है ही उसे बेटे के नाम पर ट्रांसफर कर दी जाती है।
पिता की जमीन अपने नाम करने के लिए आवश्यक दस्तावेज
पिता के निधन के बाद संपत्ति को अपने नाम करने के लिए बेटे के पास निम्नलिखित महत्वपूर्ण दस्तावेज होने चाहिए –
- वसीयत / वसीयतनामा।
- पिता के मृत्यु प्रमाण पत्र की प्रमाणित प्रति।
- उत्तराधिकार प्रमाणपत्र।
- शपथ पत्र के साथ अन्य उत्तराधिकारियों / उत्तराधिकारियों से अनापत्ति प्रमाण पत्र।
- वंश सूची प्रमाण पत्र।
- त्याग पत्र (यदि आवश्यक हो)
- उपहार विलेख (यदि आवश्यक हो)
पिता की जमीन का बंटवारा कैसे करें ?
अगर आप अपने पिता की जमीन को अपने नाम करना चाहते हैं, और आपको एक दिक्कत आ रही है कि आप अपने पिता की इकलौते बेटे नहीं है और आपके अन्य भाई बहन भी हैं तो इस प्रकार के केश में आप किस प्रकार से पिता की जमीन को अपने नाम कर सकते हैं।
इसके लिए आपको अपनी जमीन का बंटवारा करना होगा और बंटवारा करने के बाद जो जमीन आपके हिस्से में आएगी उस जमीन को आप अपने नाम करवा सकते हैं। तो चलिए देखते हैं कि हम जमीन का बंटवारा किस प्रकार से कर सकते हैं।
जमीन का बंटवारा मुख्य रूप से इन तीन प्रकारों से किया जा सकता है –
1. सहमती बंटवारा
इस तरीके के अंदर आपको अपने सभी भाई बहनों और अपने परिवार वालों के साथ बैठकर आपसी डिस्कशन करना है। आपसी डिस्कस के अंदर आपको अपने परिवार वालों के साथ बैठकर अच्छे से बातचीत करनी है और इस बात का हल निकालना है कि किसके पास कितनी जमीन होनी चाहिए और किसके पास कौन सी जमीन होनी चाहिए। इन सभी बातों का हल निकलने के बाद आप का आपसी सहमति बंटवारा हो जाएगा।
2. पंचायत बंटवारा
अगर आप आपसी सहमति बंटवारे से खुश नहीं है, तो आप पंचायती बंटवारे का भी सहायता ले सकते हैं। इसके अंदर आपको अपने गांव की पंचायत में जाकर बंटवारे की बात करनी है। वहां पर सरपंच के सामने बैठ कर आप अपना बंटवारा कर सकते हैं और सरपंच के साथ अन्य लोग मिलकर भी आपको आपके बंटवारे में सहायता करेंगे। जिससे कि आपको अपने हिसाब का बंटवारा मिल सकता है और आपको अपने हिसाब की जमीन मिल सकती है।
3. रजिस्ट्री बंटवारा
अगर दोस्तों आप इन दोनों तरीकों से ही सहमत नहीं है, तो आप इस तरीके का सहारा ले सकते हैं। इसके अंदर आप रजिस्ट्री ऑफिस में जाकर अपने बंटवारे की बात कर सकते हैं। वहां पर उपलब्ध ऑफिसर आपकी बात से सहमत होकर आप का बंटवारा करने में सहायता करेगा।
रजिस्ट्री ऑफिसर अपने कुछ साथियों को आपके घर पर भेजेगा और आपके घर के आसपास के लोगों से आप की पूछताछ की जाएगी। उसके बाद पूरी पूछताछ करने के बाद रजिस्ट्री ऑफिसर आप का बंटवारा एक अच्छे तरीके से कर देगा। तो इन तरीकों का सहारा लेकर आप अपना बटवारा बड़ी आसानी से कर सकते हैं।
सामान्य प्रश्न FAQs
अगर आपके मन में पिता की जमीन को अपने नाम कैसे करें टॉपिक से रिलेटेड किसी भी प्रकार के सवाल है, तो इस पॉइंट को पढ़ने के बाद आपको अपने सभी सवालों के जवाब मिल जाएंगे। क्योंकि इस पॉइंट के अंदर हमने कुछ ऐसे मुख्य एवं चुनिंदा सवालों पर चर्चा की है, जो कि लगभग हर एक व्यक्ति द्वारा पूछे जाते हैं।
दादा की प्रॉपर्टी पर किसका हक होता है ?
अगर मान लीजिए आपके दादा की मृत्यु हो जाती है और उन्होंने किसी भी प्रकार की वसीयत नहीं लिखी है, तो उनके बाद बची प्रोपटी उनकी पत्नी और उनके बच्चों को दे दी जाती है। लेकिन अगर उन्होंने किसी प्रकार की वसीयत लिखी है, तो वसीयत के अनुसार ही उनकी प्रॉपर्टी पर उस व्यक्ति का हक होता है, जिसका नाम वसीयत में लिखा गया है।
पिता की जमीन पर किसका अधिकार होता है ?
पिता की जमीन पर बेटे और बेटी का समान अधिकार होता है। जितना अधिकार आज के समय में बेटा अपने पिता की जमीन पर जताता है, उतना ही अधिकार बेटी को भी अपने पिता की जमीन पर होता है।
जमीन विवाद का निपटारा कैसे करें ?
जमीन विवाद का निपटारा दो तरह से हो सकती है। एक तो आपसी सहमति से। अगर ये संभव हो तब आपसी सहमति से जमीन विवाद का निपटारा कर लेना ज्यादा अच्छा है। अगर नहीं तब कानूनी मदद लेना होगा। लेकिन जमीन विवाद में कानूनी फैसले आने में बहुत समय लग जाता है और आपका समय और पैसा दोनों बर्बाद होते है। आप अपने स्वयं के विवेक के अनुसार इसका फैसला ले।
सारांश Conclusion
आज के इस आर्टिकल में हमने जाना कि पिता की जमीन को अपने नाम कैसे करें ? इस टोपीक के ऊपर हमने आपको इस आर्टिकल के अंदर डिटेल से जानकारी दी है। ताकि हर एक व्यक्ति को इस जानकारी के बारे में अच्छे से समझ आ जाए। क्योंकि काफी लोग ऐसे होते हैं जिन्हें अभी भी जमीन को अपने नाम कैसे किया जाए, इसके बारे में जानकारी नहीं है।
इस आर्टिकल को पढ़ने के बाद लगभग लोगों को समझ आ गया होगा कि किस प्रकार से पिता की जमीन को अपने नाम किया जा सकता है। अगर ये जानकारी आपको पसंद आये तब इसे सोशल मीडिया में पोस्ट जरूर करें। इस वेबसाइट पर हम भू अभिलेख जमीन रजिस्ट्री से सम्बंधित सम्पूर्ण जानकारी प्रदान करते है। आप गूगल सर्च बॉक्स पर bhulekhbhunaksha.in सर्च करके भी यहाँ आ सकते है। धन्यवाद !
Jamin ki dakhil kharij k bad kewal kaise banega
पारिवारिक बंटवारा का standard format एवं बहनों द्वारा noc / forfeiting their rights भाईयों के पक्ष में …… , उपलब्ध कराया जाय ।
सादर आभार एवं धन्यवाद।
चन्द्रेश्वर राय
बरीष्ट नागरिक
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पंचायत या रजिस्ट्री बँटवारा।
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मेरा पिता का जमीन गलत तरीके से बटवारा किया गया है मेरे चाचा मुझे टुकड़े टुकड़े में जमीन दिया खुद एक ही जगह में लेलिया मेरे पिता का ढिहंत होगया था जब मैं 3 साल का ही था