गाटा संख्या और खाता संख्या में क्या अंतर है : भूलेख रिकॉर्ड में गाटा संख्या और खाता संख्या बहुत ही महत्वपूर्ण नंबर है। जमीन के पेपर में इस नंबर का उल्लेख होता है। लेकिन बहुत से लोगों को गाटा संख्या और खाता संख्या क्या है इसके बारे में सही जानकारी नहीं। इसलिए इन दोनों नम्बरों को वे एक ही समझ जाते है। लेकिन गाटा संख्या और खाता संख्या में कुछ मुख्य अंतर है।
वैसे तो गाटा संख्या और खाता संख्या में थोड़ा ही अंतर है, लेकिन इसे जानना सभी लोगों को बहुत आवश्यक है। गाटा संख्या और खाता संख्या में अंतर को समझने के लिए यहाँ हमने कुछ उदाहरण दिए है। जिससे आप आसानी से इन दोनों के बीच अंतर को समझ सकें। तो चलिए शुरू करते है।
गाटा संख्या और खाता संख्या में अंतर
किसी भी जमीन का गाटा संख्या और खाता संख्या बहुत महत्वपूर्ण होता है। इसी नंबर के द्वारा जमीन का रिकॉर्ड रखा जाता है। ऑनलाइन हो ऑफलाइन, जमीन से सम्बंधित पेपर जैसे – खसरा खतौनी निकालने के लिए संख्या और खाता संख्या जरुर पूछा जाता है। आइये यहाँ हम जानते है कि गाटा संख्या और खाता संख्या में मुख्य अंतर क्या है ?
गाटा संख्या क्या है ?
गाटा संख्या को हम खसरा संख्या के नाम से भी जानते हैं। आपको बात दें कि गाटा संख्या का क्रम तब बदलता है, जब उस ग्राम की चकबन्दी की जाती है। हाँ किसी गाटा का विभाजन होना क्रम परिवर्तन नहीं कहलाता है। यह कह सकते हैं कि जब तक चकबन्दी नहीं होती है, उनके समस्त गाटे कुछ अपवादों को छोड़कर स्थाई स्थिति में व्याप्त रहते हैं।
उदाहरण -:
चलिए मान लेते है कि रमेश के खेत की गाटा संख्या 23 है, तो आठ वर्ष उपरांत भी वहीं रहेगी। क्योंकि वहाँ आठ वर्ष के अंदर चकबंदी प्रक्रिया लागू नहीं हुई है। यदि लागू होती तो गाटा संख्या 23 भी रह सकता था व परिवर्तन होकर नया गाटा संख्या भी मिल सकता था। वही आवंटित संख्या उस कास्तकार की नई गाटा संख्या हो जाती। यह आवंटन प्लाट पर निर्भर रहता है। यदि वही खेत रहता है तो खेत नम्बर (23) भी वही रहता है।
खाता संख्या क्या है ?
ग्राम खतौनी के षट वर्ष उपरांत नई खतौनी बनाने पर कुछ खाते बढ़ जाते हैं। जिससे मूल खाता नम्बर परिवर्तित हो जाते हैं। इसलिए खाता संख्या परवर्तित होता रहता है। जबकि गाटा संख्या बदलते नहीं रहता है। विभाजन होना स्वाभाविक है, लेकिन खाता विभाजित नहीं होता है।
उदाहरण -:
माना उस्मान पुत्र रहीस का ग्राम करनपुर की फसली वर्ष 1419 से 1424 में खाता संख्या 25 थी। जब खतौनी फसली वर्ष 1425 से 14320 की खतौनी का निर्माण हुआ तब उसी काश्तकार का खाता संख्या 25,28,30 होना स्वाभाविक है।लेकिन अनिवार्य भी नहीं है, कि खाता संख्या बढ़ें। हो सकता है वर्तमान षट वर्षीय खतौनी में कोई नया खाता कराने के लिए कोई प्रतिवेदन या स्वाभाविक संभावना नियमों के अनुकूल न हो। तब भविष्य के खतौनी में उस व्यक्ति का खाता संख्या पूर्ववत रहेगा। अर्थात खाता संख्या 25 ही रहेगा।
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गाटा या खाता संख्या से ऑनलाइन जमीन कैसे देखें ?
आज सभी राज्यों के राजस्व विभाग ने भूअभिलेख रिकॉर्ड ऑनलाइन उपलब्ध करवा दिया है। जिससे अब आप घर बैठे अपने जमीन का रिकॉर्ड चेक कर सकेंगे और डाउनलोड भी कर सकेंगे। चलिए हम इसकी पूरी प्रक्रिया आपको बताते है –
- गाटा या खाता संख्या से ऑनलाइन जमीन चेक करने के लिए भूलेख की वेबसाइट upbhulekh.gov.in में जाइये।
- इसके बाद अपना जनपद, ब्लॉक एवं ग्राम का नाम चुनें।
- फिर दिए गए विकल्प में गाटा संख्या को सेलेक्ट कीजिये।
- फिर अपने जमीन का गाता संख्या एंटर करके सर्च कीजिये।
- अगले स्टेप में अपने जमीन का गाटा संख्या सेलेक्ट करें।
- फिर कॅप्टचा कोड वेरीफाई करके अपना जमीन की डिटेल्स चेक कर सकते है।
सारांश -:
गाटा संख्या और खाता संख्या में क्या अंतर है, इसकी पूरी जानकारी बहुत सरल तरीके से यहाँ बताया गया है। अब कोई भी व्यक्ति जान पायेगा कि गाटा और खाता संख्या क्या है। अगर गाटा और खाता संख्या से सम्बंधित आपके मन में कोई सवाल हो तो नीचे कमेंट बॉक्स में पूछ सकते है। हम बहुत जल्दी आपको रिप्लाई करेंगे।
गाटा संख्या और खाता संख्या में मुख्य अंतर की जानकारी सभी लोगों के लिए बहुत उपयोगी है। इसलिए इस जानकारी को उन्हें व्हाट्सएप्प ग्रुप एवं फेसबुक में शेयर जरूर करें। इस वेबसाइट पर हम भूअभिलेख से सम्बंधित सम्पूर्ण जानकारी प्रदान करते है। अगर आप अपने जमीन से सम्बंधित नई – नई जानकारी सबसे पहले पाना चाहते है, तो गूगल सर्च बॉक्स में सर्च कीजिये – bhulekhbhunaksha.in धन्यवाद !