भूमि सीमांकन के नियम 2024 bhumi simankan ke niyam : हर किसी को bhumi simankan से संबंधित जानकारी होना अनिवार्य है, क्योंकि लोग धीरे-धीरे जमीन पर कब्जा करते जा रहे हैं। जिस वजह से उस जमीन का मालिक कोई और बन जाता है, जिससे वाद-विवाद बड़े लगते हैं। इसी समस्या को दूर करते हुए सरकार ने जमीन सीमांकन के लिए कुछ ऐसे नियम बनाए हैं। जिसका पालन हर कोई करता है।
आज हम इस लेख में आपको bhumi simankan ke niyam 2024 के बारे में विस्तार पूर्वक जानकारी प्रदान करेंगे तथा यह भी बताएंगे कि जमीन सीमांकन क्या है, उद्देश्य तथा आवेदन करने की प्रक्रिया भी साझा करेंगे। तो आइए शुरू करते हैं।
भूमि सीमांकन क्या है ?
भूमि सीमांकन एक महत्वपूर्ण प्रक्रिया है, इसके अंतर्गत राजस्व विभाग द्वारा एक लेखा जोखा तथा नक्शा तैयार किया जाता है। यह नक्शा पटवारी के माध्यम से तैयार किया जाता है। जिसमें किसी व्यक्ति के अधिकार में आने वाली जमीन को उस नक्शे में दिखाया जाता है।
जिससे यह पता चलता है कि यह जमीन उस व्यक्ति की है पटवारी के माध्यम से मापन प्रक्रिया के माध्यम से उस जमीन का क्षेत्र तथा स्थिति के बारे में जानकारी प्राप्त करके उसे एक रजिस्टर में लिखा जाता है।
इसके बाद उस जमीन के क्षेत्र के अनुसार नक्शा तैयार किया जाता है इस तरह से भूमि का सीमांकन किया जाता है। इसमें पटवारी तथा इंजीनियर की आवश्यकता होती है। इसके बाद तैयार किए गए Registration तथा नक्शे को कलेक्टर के सामने प्रस्तुत किया जाता है और इसे संरक्षण के लिए रख दिया जाता है।
भूमि सीमांकन के नियम 2024
- जमीन का सीमांकन करने से पहले उससे संबंधित नक्शे को तहसीलदार के सामने प्रस्तुत करना पड़ता है। उसके बाद पटवारी के माध्यम से जमीन को सुनिश्चित करने का आदेश दिया जाता है।
- यदि कोई अनुसूचित जाति तथा अनुसूचित जनजाति के पास 10 एकड़ या इससे कम कृषि योग्य भूमि है तो उन्हें भूमि का सीमांकन करने के लिए किसी प्रकार की शुल्क की आवश्यकता नहीं होगी।
- आवेदक को नजदीकी तहसील कार्यालय में जाकर जमीन सीमांकन का आवेदन फॉर्म भरना होगा, इसके बाद उन्हें तारीख भी जाएंगे, इस तारीख के अनुसार ही पटवारी जमीन का सीमांकन करने के लिए आएगा। इसके बाद सभी दस्तावेजों को सत्यापित करके तहसील कार्यालय में जमा किया जाएगा।
- सीमांकन के लिए आवेदक के पास जमीन से संबंधित नक्शा, खसरा तथा अधिकार ऋण पुस्तिका की आवश्यकता होगी।
- भू राजस्व संहिता के नियमों के अनुसार सीमांकन के समय सीमा को चिन्हित करने के लिए एक प्रारूप तैयार किया जाता है उसी के अनुसार स्वामित्व रखने वाले व्यक्ति को बुलाया जाता है।
- नियम 07 के उप नियम 1 के अधीन भिन्न-भिन्न जिलों में सीमांकन करने तथा सीमा चिन्हों को निर्मित करने के लिए सहायता प्रदान की जाती है।
- यदि आवेदक अपने स्वयं के श्रम एवं खर्च पर सीमा चिन्हित करना चाहता है तो उन्हें केवल एक नियत फीस का भुगतान ही करना होगा, जब तक उप नियम एक के अधीन कलेक्टर द्वारा फीस नियत नहीं की जाती तब तक अभी तक ऐसी कोई भी फीस का भुगतान नहीं कर सकता है।
- धारा 129 की उप धारा 2 के अधीन सीमांकन रिपोर्ट तहसीलदार को प्रारूपों में के अनुसार दी जाती है।
- धारा 129 की उप धारा 7 के अधीन सीमांकन रिपोर्ट उपखंड अधिकारी को प्रारूप 3 के अनुसार दी जाती है।
- आयुक्त, भू अभिलेख समय-समय पर धारा 129 की उप धारा 9 के अधीन सीमांकन करने तथा सीमा चिन्हों को निर्मित करने के लिए एक तकनीकी आदेश जारी किया जाता है।
- यदि कोई व्यक्ति विधिपूर्वक सर्वेक्षण में भाग नहीं लेता है तो उसे भू राजस्व संहिता की धारा 130 के अधीनस्थ हटा दिया जाता है।
भूमि सीमांकन का उद्देश्य
जैसा कि हम सब जानते हैं सीमा विवाद तथा जमीन से संबंधित विवाद हमेशा होते रहते हैं। जिस वजह से आपसी दुश्मनी बढने लगती है। इसका उद्देश्य यह है कि ऐसी घटनाओं तथा लोगों की जमीन हड़प कर अपने पास रख लेना इन सारी चीजों से बचने के लिए भूमि सीमांकन के नियम बनाए गए हैं। इसके आधार पर ही लोगों को उनकी जमीन के बारे में जानकारी प्राप्त होती है।
यह भी उद्देश्य है कि सरकारी जमीन को जो लोग हड़प लेते हैं उन से बचाना है ताकि आने वाले दिनों में सरकार अपनी आवश्यकता अनुसार उन पर कार्रवाई कर सकें और सरकारी जमीन से उन्हें निकाल सके जानकारी उपलब्ध कराने के लिए वेबसाइट बनाई है। आप अपने खसरा तथा नक्शा नंबर डालकर जमीन की स्थिति प्राप्त कर सकते हैं।
जमीन सीमांकन के लिए आवश्यक दस्तावेज
- आधार कार्ड नंबर।
- मोबाइल नंबर।
- मूल निवास प्रमाण पत्र।
- जाति प्रमाण पत्र।
- पासपोर्ट साइज का फोटो।
- भू अधिकार ऋण पुस्तिका।
- नक्शा की फोटो कॉपी।
- खसरा खतौनी की फोटो कॉपी।
भूमि का सीमांकन के लिए पात्रता
- भारत का कोई भी नागरिक सीमांकन करवा सकता है।
- आवेदक के पास मूल निवास प्रमाण पत्र होना अनिवार्य है।
- आवेदक के पास खसरा नक्शा होना अनिवार्य है।
- यदि कोई व्यक्ति के पास सरकारी जमीन है तो उसके पास पट्टा होना अनिवार्य है।
भूमि सीमांकन हेतु ऑनलाइन आवेदन कैसे करें ?
यदि आप मध्य प्रदेश के निवासी है तो इसके लिए निम्नलिखित रुप से स्टेप्स फॉलो कर सकते हैं जो इस प्रकार हैं :-
- सबसे पहले इसकी ऑफिसियल वेबसाइट में जाना होगा।
- अब आपके सामने एक नया पेज खुल जाएगा।
- इस पेज में 5 Steps दिखाई देंगे उसमें आपको अपनी निजी जानकारी दर्ज कर देनी है।
- अब सारे स्टेप्स भरने के बाद नीचे दिए गए समिट के बटन पर क्लिक कर देना है।
- इस तरह से आप जमीन सीमांकन के लिए आवेदन कर सकते हैं।
भूमि सीमांकन हेतु ऑफलाइन आवेदन कैसे करें ?
इसके लिए आवेदक को निम्नलिखित स्टेप्स फॉलो करने होंगे जो इस प्रकार हैं :-
- सबसे पहले आवेदक को अपने नजदीकी तहसील कार्यालय में जाना होगा।
- वहां पर संबंधित अधिकारी से मिले अधिकारी आपको सीमांकन से संबंधित आवेदन फॉर्म देगा।
- उस फॉर्म को अच्छे से पढ़ कर उचित तरीके से भर दे।
- अब आप से कुछ दस्तावेज मांगे जाएंगे सारे दस्तावेजों को आवेदन फॉर्म के साथ अटैच करके यह फॉर्म संबंधित अधिकारी के पास जमा कर दें।
- कुछ दिनों के बाद आपसे संपर्क किया जाएगा और पटवारी आपके द्वारा दिए गए दस्तावेजों के अनुसार उस भूमि पर सीमांकन के लिए आ जाएगा।
- इस तरह से आप भूमि सीमांकन हेतु आवेदन कर सकते हैं।
सामान्य प्रश्न (FAQ)
जमीन सीमांकन कैसे होता है ?
यह सीमांकन तहसील कार्यालय के राजस्व विभाग द्वारा किया जाता है।
जमीन का सीमांकन कितने दिन में होता है ?
यह अलग-अलग राज्यों के नियमों के अनुसार किया जाता है, इसमें लगभग 20 से 30 दिन का समय लगता है।
भूमि मापन को कैसे समझें ?
भूमि मापन एक ऐसी प्रक्रिया है, जिसमें स्वामित्व रखने वाले व्यक्ति के दस्तावेजों के अनुसार पटवारी के माध्यम से भूमि का मापन किया जाता है।
भूमि के सीमांकन के लिए पत्र कैसे लिखें ?
इसमें आपको तहसील कार्यालय को लिखना होता है। आप अपनी सारी जानकारी आवेदन फॉर्म के बीच में लिख दे और नीचे दिए गए लाइन में प्रार्थी लिखकर अधिकारी के पास जमा कर दें।
भू राजस्व संहिता की धारा 116 क्या है ?
इस धारा के अंतर्गत गलत प्रविष्टि को शुद्धीकरण का अधिकार विचारण न्यायालय को है। जिसकी परिसीमा 1 वर्ष तक होती है।
आशा करता हूं मेरे द्वारा दी गई जानकारी से आप संतुष्ट होंगे। इस लेख का उद्देश्य bhumi simankan ke niyam 2024 के बारे में विस्तार पूर्वक जानकारी प्रदान करना है। हमने इस लेख में जमीन सीमांकन से संबंधित महत्वपूर्ण जानकारी साझा किया है। यदि यह जानकारी पसंद आती है तो अपने दोस्तों तथा परिवार के सदस्य के साथ अवश्य साझा करें।